![]()
17 जून 2025 — रविवार को गौरीकुंड के पास हुए हेलिकॉप्टर हादसे में सात लोगों की मौत के बाद राज्य की हवाई सुरक्षा पर गंभीर सवाल उठने लगे हैं। यह दुर्घटना तीन साल पहले 18 अक्टूबर 2022 को केदारनाथ से उड़ान भरते ही दुर्घटनाग्रस्त हुए हेलिकॉप्टर हादसे जैसी ही प्रतीत होती है, जिसमें सात लोगों की जान गई थी।
2022 की दुर्घटना में शामिल आर्यन एविएशन के बेल 407 हेलिकॉप्टर (VT-BKA) की जांच एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) ने की थी। जांच में पाया गया कि उड़ान से पहले तकनीकी रूप से किसी भी बड़े दोष के संकेत नहीं थे — रोटर ब्लेड, कंट्रोल्स और फ्यूल सिस्टम सामान्य स्थिति में थे। फिर भी नवंबर 2023 में AAIB ने उत्तराखंड सिविल एविएशन डेवलपमेंट अथॉरिटी (UCADA) और DGCA को कई अहम सुझाव दिए थे, जो अब नजरअंदाज होते दिख रहे हैं।
2022 में एक अन्य पायलट ने बताया था कि उसने उस दुर्घटनाग्रस्त हेलिकॉप्टर की रेडियो कॉल नहीं सुनी और संपर्क करने पर कोई जवाब नहीं मिला। अब इसी तरह की एक और दुर्घटना होना यह दर्शाता है कि सुरक्षा उपायों को गंभीरता से नहीं लिया गया, खासकर जोखिमभरे पहाड़ी क्षेत्रों में उड़ानों के दौरान।
No comments:
Post a Comment